जानियें अमेरिकी स्कूल के एक असाइनमेंट की तस्वीर इनटरनेट पर क्यों हो रही वायरल

नई दिल्ली: मामला पुरविस मिडिल स्कूल का है जहाँ आठवें क्लास के बच्चों को स्लेवरी पर दिए गए एक स्लाइड शो प्रेजेंटेशन में बच्चों से खुद को एक अफ़्रीकी स्लेव मान कर अपने घरवालों को एक खत लिख कर अमेरिका में अपनी ज़िंदगी के बारे में बताना को कहा गया था।
प्रिंसिपल ने मांगी माफ़ी
इस मसले में पुरविस स्कूल के प्रिंसिपल फ्रैंक बननेल ने बच्चों के माता-पिता से माफी मांगी ली है। हालांकि, उन्होंने टीचर का बचाव करते हुए कहा की उन का मकसद अमेरिका में फैले नस्ली भेदभाव के खिलाफ बच्चों को जागरूक करने था।
उन्होने ने कहा कि असाइनमेंट का मकसद बच्चों को सिर्फ यह दिखाना था कि गुलामी कितनी भयानक थी और ऐसे मसलों के लिए बच्चों में सेंसिटिविटी बढ़ाना था। उन्होने कहा की हम रेस के खिलाफ भेदभाव नहीं करते हैं और हम अतीत में जो हुआ उसके लिए बच्चों को जागरूक करना चाहते थे।
बच्चों को कहा गया था कि वह खुद को अमेरिका में काम करने के लिए लाया गया एक स्लेव मान कर अपने परिवार को अफ्रीका या किसी दूसरे अमेरिकी राज्य में एक पत्र लिखें, जो अमेरिका में आपके स्लेव जीवन का ज़िक्र करे।
पुरविस मिसिसिप्पी का एक छोटा सा शहर है। डेली बीस्ट के अनुसार शहर में नस्ली डिफरेंस बहुत है जहाँ लगभग 80% लोग वाइट है।
यह कोई पहला मामला नहीं
हाल के वर्षों में देश भर के कई और टीचर ने ऐसा ही किया है चाहे वो डेलावेयर का शिक्षक हो जिसने गुलामी को योग से जोड़ कर पढ़ाया या विस्कॉन्सिन मिडिल स्कूल का शिक्षक हो जिसने बच्चों से क्लास में पूछा की आप स्लेव को कैसे पनिश करेंगे।
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