UP के मंदिरों पर चढ़ाए जानें वाले फूलों से बन रहे हैं हर्बल गुलाल, जानिएं इस Gulal की 3 मुख्य बातें
उत्तर प्रदेश राज्य के ‘ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत’ स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से यूपी सरकार के अधिकारी मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से ‘गुलाल’ (Gulal) तैयार करवा रहे हैं

लखनऊ: होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का और हंसी-खुशी उमंगो से भरा त्योहार है। यह भारत का एक मुख्य और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से 2 दिन तक मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन (Holika Dahan) तिथि 28 मार्च दिन रविवार को है। जिसका शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक है।
हर्बल गुलाल (Herbal Gulal)
उत्तर प्रदेश राज्य के ‘ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत’ स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से यूपी सरकार के अधिकारी मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से ‘गुलाल’ (Gulal) तैयार करवा रहे हैं। जो पूरी तरह से हर्बल होगा।
लखनऊ (Lucknow) के खाटू श्याम मंदिर, काशी नगरी वाराणसी (Varanasi) के पास विंध्यवासिनी मंदिर और श्रावस्ती (Shravasti) के देवी पाटन मंदिर में होली के लिए फूलों से हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। इस पहल से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा।
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32 जिलों के मंदिरों से फूल एकत्रित
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 32 जिलों के मंदिरों से फूलों को एकत्रित करके हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर ने जानकारी दी की प्रत्येक जिले के लिए एक 5 से 10 लाख का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के सभी ब्लॉकों की मुख्य बाजारों के साथ ऑनलाइन फ्लिपकार्ट (Flipkart) और अमेजॉन (Amazon) पर भी फूलों की बिक्री की जायेगी
हर्बल गुलाल की 3 मुख्य बातें-
- यूपी में महिला सशक्तिकरण (Women’s Empowerment) को बढ़ावा मिलेगा।
- यह हर्बल गुलाल ऑनलाइन (Online) उपलब्ध होगा
- इल गुलाल की तीसरी सबसे बड़ी खास बात ये है कि यह पूरी तरह से हर्बल होगा।
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