मायावती बोलीं, लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को सपा से निकाल देते

लखनऊ। अपने जन्मदिन पर बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मुलायम सिंह यादव पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘सपा मुखिया कहते हैं कि उनके जन्मदिन पर लोहिया होते तो खुश होते। मुलायम की इस बात में कोई दम नहीं। हकीकत यह है कि अगर लोहिया जी होते तो मुलायम सिंह को ऐसा शाही जन्मदिन मनाते देख समाजवादी पार्टी से बाहर कर देते।’
मायावती ने यूपी सरकार पर हमला
लखनऊ के मॉल अवेन्यू में अपने सरकारी आवास पर मायावती ने कहा, ‘सरकार के पास सूखे के लिए पैसा नहीं है, लेकिन सैफई में पैसा लुटाया गया। लोहिया के समाजवाद के खिलाफ काम हो रहा है। मुलायम ने अपना जन्मदिन शाही अंदाज़ में मनाया। मेरे जन्मदिन पर मेरी सरकार में जनकल्याण के लिए शुरू की गई तमाम योजनाएं इस सरकार ने बंद कर दी हैं।’ सपा सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि सपा के समाजवाद और लोहिया के समाजवाद में काफी अंतर है। एसपी सरकार लोहिया के समाजवाद से एकदम अलग चल रही है।
भाजपा को भी खरी-खरी
मायावती ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर सिर्फ संग्रहालय बना देने से उनके अनुयायी बहकावे में नहीं आने वाले। आरक्षण को लेकर माया ने कहा कि केंद्र सरकार को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को देना चाहिए था। पदोन्नति में आरक्षण देना चाहिए था। जो पिछड़े हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई बन गए हैं, उनको भी आरक्षण देना चाहिए। ऊंची जाति के गरीबों को अभी आरक्षण देना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से ये अनुरोध संसद में भी कर चुकी हूं और आज भी करती हूं।
याद दिलाए अधूरे वादे
उन्होंने कांग्रेस पर भी भाजपा की तर्ज पर काम करने का अारोप लगाया। उन्होंने कहा, केन्द्र की मोदी सरकार ने काला धन वापस लाने का वादा किया था। उनका दावा था कि हर भारतीय के खाते में 20-25 लाख रुपए होंगे। नरेंद्र मोदी जी ने समाज के तमाम तबकों के लिए अनेक चुनावी वादे किये थे, वो अच्छे दिन नहीं आए। खासकर मुस्लिम समाज के लिए तो केंद्र का रवैया बहुत ही नकारात्मक रहा है।
दलितों की चिंता
मायावती ने कहा, अंबेडकर के अनुयायियों से भी अपील है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों द्वारा उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। बाबासाहेब की 125वीं सालगिरह पर दलितों की भालई के लिए फैसले लेने चाहिए थे लेकिन नहीं लिए गए। इस मौके पर पदोन्नति में आरक्षण का निर्णय लेना चाहिए था। दलितों की आर्थिक स्तर सुधारने के लिये अहम फैसले लेने चाहिए थे। उन्होंने बसपा कैडर से यूपी चुनाव की तैयारी करने को कहा। इस मौके पर मायावती ने ब्लू बुक मेरा संघर्षमय जीवन पर आधारित किताब और मिशनरी कैलेंडर का भी विमोचन किया।
और क्या-क्या कहा मायावती ने
- राम मंदिर के मुद्दे को भड़काकर भाजपा धार्मिक भावना को भड़का रही हैं
- बसपा के बनाए गए स्मारकों से छेड़छाड़ लोहिया का समाजवाद नहीं है
- यूपी में गुंडों और भ्रष्ट तत्वों का राज है, बसपा सरकार ही इससे निजात दिला सकती है
- यूपी में ओबीसी की 17 जातियो को अनुसचित जाति में शामिल करने का बिल भी अटका है
- पाकिस्तान के मामले में केंद्र की नीति बेअसर
- बसपा अपने महापुरुषों की नीतियों पर चलती है
- समाजवादी पार्टी को सत्ता से बाहर करना है
- बसपा को फिर से सत्ता में आना है और इसके लिए बसपा कार्यकर्ताओ को कड़ी प्रतिज्ञा करनी होगी
- पार्टी के जनाधार को यूपी में बढ़ाना होगा
- उत्तराखंड और पंजाब में भी बसपा अपना जनाधार बढ़ाएगी