मोदी के ख़ास ने खोले सरकार के ‘लूज पोल’, भाजपा भुगतेगी खामियाजा?

नई दिल्ली। किसानों की नाराजगी को कैश करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर में जो दांव खेला भाजपा में उसकी खलबली साफतौर पर दिख रही है। इसके मद्देनज़र भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ पीएम मोदी ने खुद एमपी का रुख करने का मन बना लिया है। ऐसे में भाजपा के ही एक सांसद ने किसानों के प्रति सरकर की लापरवाही का जिक्र करते हुए उनकी (भाजपा) की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं।
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एफसीआई में बदलाव को लेकर बोलते हुए भाजपा सांसद ने न केवल सरकार की खामियों को उजागर किया, बल्कि उनकी कार्यशैली पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
खबरों के मुताबिक़ भाजपा सासंद शांता कुमार ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि एफसीआई में बदलाव को लेकर दिये गये अहम सुझावों पर अब तक कोई काम नही हुआ है।
शांता कुमार का कहना है कि एफसीआई के पुनर्गठन को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था।
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इस कमेटी ने गहन जांच पड़ताल के बाद साल 2015 के जनवरी महीने में अपनी रिपोर्ट दी और एफसीआई में कुछ अहम बदलाव करने के लिए सुझाव भी दिये। लेकिन इन सुधारों को लागू कर पाने में अब तक मोदी सरकार नाकाम रही है।
शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में एक ख़त लिखा है। अपने ख़त में शांता कुमार ने लिखा है कि आजादी के बाद से अब तक देश में तीन लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली है। देश में अभी भी कई किसानों की स्थिति बेहद खराब है।
बीते बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि एफसीआई में सुधार के लिए जो कमेटी बनाई गई थी उसके अध्यक्ष वो खुद थे।
उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपने के बाद करीब 45 मिनट तक उन्होंने इस रिपोर्ट को लेकर उनसे चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने खुद इन सुझावों पर अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश अब तक उन सुझावों को एफसीआई में लागू नहीं किया जा सका है।
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उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में किसानों को आय का सीधा लाभ देने के संबंध में अहम सुझाव दिये गये थे, जो इसके मुख्य बिंदू थे। उन्होंने कहा कि एफसीआई में भ्रष्टाचार है। जिसे जड़ से ख़त्म करना बेहद जरुरी है।
उन्होंने कहा कि किसानों का उत्थान उनको सीधा आय का लाभ देकर ही संभव है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवसथा यूएसए में भी है।
हालांकि खामियों के साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेकों योजनाओं को प्रसंशा भी की। साथ इस बात कि उम्मीद जताई कि अभी नहीं तो भविष्य में इन योजनाओं से किसानों को लाभ जरूर मिलेगा।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब शांता कुमार ने अपनी ही पार्टी के विरोध में आवाज उठाई हो। इससे पहले भी बैंकों में घोटाला मामले को लेकर शांता कुमार ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया था।
बता दें शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं। समाज के हित में आवाज उठाने के लिए वे हमेशा आगे आकर अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं।