National Girl’s Day: ‘लक्ष्मी का वरदान हैं बेटी’, लेकिन सुरक्षित नहीं है लाडो, जानें क्यों?
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत महिला और बाल विकास मंत्रालय एंव भारत सरकार द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य लड़कियों के बारे में भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) भारत में हर साल 24 जनवरी के दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय एंव भारत सरकार द्वारा की गई थी। लेकिन आज के समय की एक कड़वी सच्चाई है यह कि लड़कियां हमारे देश में सुरक्षित नहीं है।
लिंगानुपात (Sex ratio) में अभूतपूर्व सुधार
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आवाहन पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को देश ने जनअभियान बनाया, जिससे विद्यालयों में बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी व लिंगानुपात में अभूतपूर्व सुधार हुआ। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हम देश कि बेटी को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी के आवाहन पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को देश ने जनअभियान बनाया, जिससे विद्यालयों में बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी व लिंगानुपात में अभूतपूर्व सुधार हुआ।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हम #DeshKiBeti को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) January 24, 2021
बेटीयों के सपनों को नई उड़ान
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर बोला, आइये हम, सभी बेटियों को सशक्त बनाने, और उन्हें अपने सपनों को नई उड़ान देने के लिए प्रेरित करें। और यह संकल्प लें की उनकी सुरक्षा में कोई कमी ना रहे।
आइये हम, सभी बेटियों को सशक्त बनाने, और उन्हें अपने सपनों को नई उड़ान देने के लिए प्रेरित करें। और यह संकल्प लें की उनकी सुरक्षा में कोई कमी ना रहे।#DeshKiBeti#NationalGirlChildDay2021 pic.twitter.com/pGdr9eoZ3v
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 24, 2021
क्यों मनाया जाता है बालिका दिवस?
मैं पूछती हूं उन हत्यारे लोगों से, क्यों तुम्हारे मन में यह जहर है समाया, बेटी तो है मां का ही साया, क्यों अब तक कोई समझ न पाया, इस कविता को पढ़ने से आपको समझ में आ गया होगा कि आज भी हमारे देश में बेटीयां सुरक्षित नहीं है उनके साथ आए दिन कुकर्म की घिनौनी घटनाएं आए दिन होते ही रहती हैं। बेटीयों को लेकर अभी भी समाज में असमानता फैली हुई है। जिसे दूर करने के लिए ही राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाने का मुख्य कारण यह भी है कि इसी दिन साल 1966 में ‘इंदिरा गांधी’ ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली थी।
यह भी पढ़े: वेडिंग वेन्यू पर जा रहे वरुण धवन ( Varun Dhawan ) की कार का एक्सीडेंट ( Accident ), आज होनी है शादी
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य
- राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) का उद्देश्य सभी असमानता (Equality) वाली लड़कियों के बारे में भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
- 2019 में राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) को ‘एक तेजतर्रार लड़कियों के लिए सशक्तिकरण’ के विषय के साथ मनाया गया।
- बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना इस दिवस का मुख्य लक्ष्य है।
यह भी पढ़े: Happy Birthday UP: 70 साल का हुआ उत्तर प्रदेश, जानिए ‘यूपी’ का प्राचीन नाम