मिस्र की गाँधी थीं Nawal Saadawi ,86 की उम्र में हुआ निधन

काहिरा : मिस्र की मशहूर फेमिनिस्ट ,सयकाट्रिस्ट और नॉवेलिस्ट Nawal Saadawi जिन्होंने मिस्र के रूढ़िवादी समाज को अपने लेखन से एक महान बौद्धिक आंदोलन के लिए मोटीवेट किया था। उनका 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। ब्लूमबर्ग ने इस खबर की पुष्टि की है।
अक्टूबर 1931 में काहिरा के नार्थ में नील डेल्टा में जन्मी, Nawal Saadawi ने काहिरा यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढाई की थी। कई किताबों की ऑथर होने के साथ साथ वह वह मिस्र के प्रोमिनेन्ट न्यूज़ पेपर्स की एक रेगुलर लेखिका भी थीं।
सामाजिक सुधार की थीं हिमायती थीं Nawal Saadawi
मिस्र और अरब दुनिया में महिला अधिकारों के लिए लिखे उनके लेख फेमिनिज्म ,डोमेस्टिक एब्यूज,मिस्र के रिलीजियस एक्सट्रिमिस्म पर बेस्ड होते थे। वह मिस्र के साथ साथ दुनिया भर में इन सामाजिक बुराइयों की मुखर विरोधी भी थी।
जब उन्होंने 1972 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक, “वीमेन एंड सेक्स” पब्लिश की, तो उन्हें मिस्र के पॉलिटिकल और रिलीजियस इंस्टीटूट्स की कड़ी आलोचना और निंदा का सामना करना पड़ा था। जिस के बाद उन्हें मिस्र के हेल्थ डिपार्टमेंट की अपंनी सरकारी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था।
1981 में जब राष्ट्रपति अनवर सादात ने पोलिटिकल कार्रवाई के तहत उन्हें दो महीने के लिए हिरासत में लिया गया और जेल में डाल दिया गया। तब उन्होंने ने अपने अनुभव को एक किताब में लिखा था: शौचालय के कागज और एक कॉस्मेटिक पेंसिल का यूज़ करके।
टाइम मैगज़ीन ने उनका नाम 100 वूमेन ऑफ़ द ईयर लिस्ट में रखा
अपने विचारों के कारण, सआदवी को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें नास्तिक होने के आरोप भी शामिल थे।