तो ऐसे नेतन्याहू को मिला ईरान की धोखाधड़ी का सबूत, धूल झोंक कर बनाए परमाणु हथियार

तेल अवीव। परमाणु समझौते के उल्लंघन मामले में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ जो आरोप लगाया, उसके पीछे की असल कहानी का अब खुलासा हो गया है। इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने इरान के एटमी प्रोग्राम से जुड़ी जानकारी पर सेंध मारी। इसके बाद सच सामने आया कि परमाणु समझौते के बाद से ही ईरान ने हमेशा सबकी आंखों में धूल झोंकी। समझौते के खिलाफ जाकर उसने परमाणु हथियार बनाने का प्रोग्राम जारी रखा। किसी को शक ना हो इसलिए देशभर से न्यूक्लियर मामले से जुड़ी सभी फाइलें एक वेयरहाउस में जमा की गईं। इसी वेयर हाउस में दाखिल होकर इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के एटमी प्रोग्राम से जुड़े करीब 5 क्विंटल दस्तावेज हासिल किये।
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बता दें प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोसाद से मिले दस्तावेज के आधार पर मई में मीडिया के सामने प्रेजेंटेशन दिया।
उन्होंने कहा था- अब साबित हो चुका है कि ईरान ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकी। वह हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है।
खबरों के मुताबिक़ मोसाद ने इस ऑपरेशन को 31 जनवरी की रात सिर्फ साढ़े छह घंटे में अंजाम दिया।
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मोसाद के एजेंट तेहरान के वेयरहाउस में घुसे और सुबह 7 बजे दूसरी शिफ्ट में गार्ड्स के आने से पहले फाइलें और सीडी लेकर चले गए।
इन्हीं दस्तावेज के आधार पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर परमाणु समझौते के उल्लंघन के आरोप लगाए थे।
ऑपरेशन में खुफिया एजेंट्स ने पहले वेयरहाउस के अलार्ट सिस्टम को बंद किया। फिर दो दरवाजे तोड़कर अंदर घुसे।
परमाणु कार्यक्रम के दस्तावेज तक पहुंचने के लिए उन्हें तिजोरी भी काटनी पड़ी। इसके लिए वे अपने साथ ब्लोटॉर्च लेकर गए थे।
माना जा रहा है कि एटमी प्रोग्राम से जुड़े किसी शख्स ने इजरायल की मदद की। इस शख्स ने मोसाद को बताया कि कौन सी तिजोरी काटनी है।
वेयरहाउस में सैकड़ों तिजोरियां थीं, जिन्हें छुआ भी नहीं गया। इन सीक्रेट दस्तावेज में 50 हजार पन्नों की फाइलें और 163 सीडी हैं।
बता दें, 2015 में ईरान के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से ही इजरायल तेहरान में संदिग्ध न्यूक्लियर साइट पर नजर रख रहा था। इजरायल का दावा था कि ईरान ने देशभर से एटमी प्रोग्राम के दस्तावेज एक वेयरहाउस में जमा किए हैं। किसी को शक ना हो, इसलिए यहां हर वक्त पहरा नहीं होता है।