निर्भया से नाइंसाफी के हैं ये जिम्मेदार

नई दिल्ली। निर्भया का गुनाहगार रात के अंधेरे में आजाद कर दिया गया। लेकिन परिवार को इंसाफ का इंतजार अभी और करना पड़ेगा। जुवेनाइल जस्टिस (संशोधन) बिल 2014 अब तक राज्यसभा में पास होने के लिए लटका पड़ा है। हालांकि लोकसभा में ये बिल इसी साल 7 मई को ही पास हो चुका है।
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क्या है इस बिल में
इस बिल में ये प्रावधान है कि गंभीर किस्म का अपराध करने वाले नाबालिग को वयस्क के तौर पर माना जाएगा। भले ही उसकी उम्र 16 से 18 साल के बीच क्यों न हो। इसमें रेप, हत्या और तेज़ाब फेंकने जैसे अपराधों को शामिल किया गया है।
राज्यसभा में किसने लगाया अड़ंगा
कांग्रेस के सांसद शांताराम नाइक ने सबसे पहले इस बिल की मुखालफत की और इसे राज्यसभा की सलेक्ट कमेटी को भेजने की बात की। उनके इस प्रस्ताव पर राज्यसभा में एनसीपी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, एआईएडीएमके, सीपीएम, सीपीआई और जेडीयू के 12 सांसदों ने हस्ताक्षर किए।
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किस बात का है विरोध
तमाम पार्टियों के सांसदों का मानना है कि इस बिल में कई कमियां रह गई हैं। इन कमियों का नुकसान सबसे ज्यादा उन तबके के लोगों को उठाना पड़ सकता है जो पिछड़े और दलित बर्ग से आते हैं। हालांकि कुछ बाल अधिकार संगठनों ने भी इस बिल के प्रावधानों पर ऐतराज़ जताया था।
किसने क्या कहा था
जेडीयू के सांसद केसी त्यागी ने इस बिल में तमाम बदलावों की जरूरत व्यक्त की थी। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और सीपीआई की सांसद डी राजा ने भी बिल का खुलकर विरोध किया था। दोनों ने इस बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजने की वकालत की थी।
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इस सत्र में क्या हुआ
जिस तरह पिछला मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पाया उसी तर्ज पर संसद का शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। इस सत्र में सरकार ने दो बार बिल ऊपरी सदन में रखने की कोशिश की लेकिन अलग-अलग मुद्दों पर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच ये बिल इस बार भी टेबल नहीं किया जा सका।
क्या कहा बाल विकास मंत्री ने
महिला में बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्यसभा से बिल पास न हो पाने को शर्मनाक बताया। मेनका गांधी ने आरोप लगता हुए कहा कि ये कोई सरकारी या निजी बिल नहीं है। लेकिन सांसद केवल इसे अपने अपने राजनीतिक हितों की वजह से पास नहीं होने दे रहे हैं।
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सरकार के पास 43 घंटे का वक्त
फिलहाल आज देर रात निर्भया का दोषी रिहा हो जाएगा और 23 तारीख को संसद की शीतकालीन कार्यवाही भी पूरी हो जाएगी। बिल राज्यसभा में लटका हुआ है और निर्भया को इंसाफ का इंतजार है। जुवेनाइल जस्टिस (संशोधन) बिल 2014 समेत 48 बिलों के लिए सरकार को राज्यसभा में 43 घंटे मिले हैं।