पशुपालन मंत्री बनने पर गिरिराज सिंह ने कहा- जो जिम्मेदारी मिली है, उसे निभाऊंगा

बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से सांसद गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली और शुक्रवार को नए मंत्रिमंडल में मंत्रालयों के हुए बंटवारे में उन्हें पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. इस मंत्रालय का प्रभार मिलने के बाद गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई है उसे मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड मैप के अनुसार आगे ले जाने के लिए काम करूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही इस पोर्टफोलियो पर बिहार में काम किया है और अब मैं एक बार फिर से इस पोर्टफोलियो में काम करना चाहूंगा.
मालूम हो कि गिरिराज सिंह ने बेगूसराय लोकसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार को चार लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था. बेगूसराय इस बार देश के उन चुनिंदा लोकसभा क्षेत्रों में शामिल था जिस पर सभी की निगाहें लगी हुई थी. सिंह बिहार के प्रभावशाली भूमिहार समुदाय से आते हैं. यह समुदाय कभी कांग्रेस का समर्थक हुआ करता था लेकिन मंडल के दौर के बाद बीजेपी को राज्य में मजबूत करने लगा.
Giriraj Singh on being appointed as Minister of Animal Husbandry, Dairying & Fisheries: Whatever responsibility I have been given I will work to take it forward in PM's road map. I have already managed this portfolio in Bihar then I will like working in this portfolio once again. pic.twitter.com/i5sGEpcYGD
— ANI (@ANI) May 31, 2019
गिरिराज सिंह मगध विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही संघ से जुड़ गये. इस दौरान वह एबीवीपी के सक्रिय सदस्य रहे. हालांकि वह राजनीति में 2002 तक गुमनाम ही रहे. 2002 में वह बिहार विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए और तीन साल के बाद नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल किये गए. बीजेपी द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद नीतीश कुमार अलग हुए तो सिंह को भी सरकार में मंत्री पद छोड़ना पड़ा. 2014 में वह बीजेपी के टिकट पर नवादा से चुनाव लड़े और जीत भी गए.
मोदी के साल 2014 में सत्ता संभालने के छह महीने बाद मंत्रिमंडल विस्तार में सिंह को भी जगह दी गई. उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री बनाया गया. वह इस पद पर सरकार के कार्यकाल के पूरा होने तक रहे.