अब छह साल में बनें ग्रेजुएट और पांच साल में पोस्ट गेजुएट

श्रीनगर। केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध संस्थानों के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब विश्वविद्यालय से किसी कारणवश निर्धारित समयावधि में डिग्री कोर्स पूरा न करने वाले छात्र को तीन वर्ष अतिरिक्त मिलेंगे। इसमें दो वर्ष यूजीसी और एक वर्ष का अतिरिक्त समय विवि विशेष परिस्थितियों में देगा।
केंद्रीय विवि के छात्रों को अब किसी भी डिग्री पाठ्यक्रम को पास करने के लिए नियत समयावधि के अलावा तीन साल और मिल सकते हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विवि को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि छात्र को डिग्री पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए नियत समयावधि के अलावा दो वर्ष यूजीसी की ओर से दिए जाएंगे, जबकि एक वर्ष विवि छात्र को अपनी ओर से दे सकता है।
इसके लिए छात्र को विषम परिस्थितियों के साक्ष्य विवि को देने होंगे। गढ़वाल विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. केडी पुरोहित ने बताया कि विवि की ओर से छात्र को देने वाले अतिरिक्त एक वर्ष की सुविधा के लिए विवि को अध्यादेश में बदलाव करना पड़ेगा।
विवि को यह प्रस्ताव शैक्षणिक परिषद में रखना होगा। प्रस्ताव पास होने पर विवि छात्रों को अपनी ओर से एक वर्ष का अतिरिक्त समय भी दे सकता है। इस संबंध में विवि से संबद्ध सभी संस्थानों को सूचना भेज दी गई है।
यूजीसी की ओर से दिया गया फार्मूला
किसी भी डिग्री पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए यूजीसी ने एन+2+1 का फार्मूला दिया है। इसमें एन पाठ्यक्रम की नियत समयावधि है। जबकि दो यूजीसी की ओर से देने वाले अतिरिक्त वर्ष हैं और एक विवि की ओर से दिया जाने वाला अतिरिक्त वर्ष है। इस फार्मूले के लागू होने पर स्नातक की डिग्री पूरा करने के लिए छात्र छह वर्ष और परास्नातक डिग्री पूरा करने के लिए पांच वर्ष का समय ले सकता है।
इन विशेष परिस्थितियों में विवि देगा अतिरिक्त वर्ष
गढ़वाल विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो.केडी पुरोहित के मुताबिक बीमारी, दुर्घटना या अन्य विशेष परिस्थितियों के प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही छात्र को विवि की ओर से अतिरिक्त वर्ष दिये जायेंगे। इसके लिए छात्र को विवि प्रशासन के समक्ष जरूरी प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। छात्र की ओर से प्रस्तुत प्रमाणों की जांच के बाद ही अतिरिक्त एक वर्ष की अनुमति प्रदान की जाएगी।