चुनाव मैदान पर भी चला इमरान का बल्ला, शाहबाज, हाफिज, बिलावल हुए बोल्ड

नई दिल्ली: पाकिस्तान में हुए आम चुनावों की अब तक हुई मतगड़ना के हिसाब से इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ पार्टी पीटीआई 112 वोटों की बढ़त के साथ सबसे आगे चल रही है। इन नतीजों के हिसाब से इमरान खान की जीत तय है। इस हिसाब से इमरान खान ही पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री होंगे। वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को करारा झटका लगा है। इसी के साथ दूसरे नंबर पर जबकि तीसरे नंबर पर बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी है। पाकिस्तान में कुल 10.5 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं।
इनके अलावा एक और चेहरा जो पाकिस्तान की चुनाव में बेहद अहम माना जा रहा था है वो है आतंकी हाफिज सईद। हाफिज ने चुनाव रैलियों के दौरान अपनी जीत के दावे किये थे लेकिन वहां की जनता ने उसे पूरी तरह दरकिनार कर दिया है। अब तक आये परिणामों के मुताबिक हाफिज की पार्टी अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक एक जीत तो जीतना दूर बढ़त तक नहीं बना पाई है।
शाहबाज और बिलावल भी हारे चुनाव
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शहबाज शरीफ चुनाव हार गए हैं। वहीँ बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार चुके हैं। खैबर पख्तूनवा प्रांत से हारने के बाद शहबाज ने पाकिस्तान चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि मतगड़ना में गड़बड़ी की गई है। शहबाज ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और हमारे पोलिंग एजेंट को बाहर निकाला गया।
वहीँ हाफिज सईद भी अब तक अपना खाता नहीं खोल पाए हैं। इस चुनाव के दौरान आतंकी हाफिज सईद के प्रतिबंधित जमात-उद दावा की सियासी इकाई मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) नाम की पार्टी से अपने 260 प्रत्याशियों को राष्ट्रीय एवं प्रांतीय चुनावों में उतारा था। उसने जीत के बड़े-बड़े दावे किये थे लेकिन पाकिस्तान की जनता ने उसके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया। आतंकी हाफिज सईद ने पाकिस्तान के आम चुनावों में अपने बेटे और दामाद को भी मैदान में उतारा है।
कौन है हाफिज सईद
हाफिज सईद मोस्ट वांटेड आतंकी है। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक सदस्य है। साथ ही आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख है। संयुक्त राष्ट्र ने इसके संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। हाफिज ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। 2006 में मुंबई की ट्रेनों में हुए धमाकों और 2001 में हुए संसद हमले में भी उसका हाथ था। भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के अतंर्गत आने वाले 28 देशों में उसका संगठन प्रतिबंधित है।