जानिए किसने तैयार की मोदी-शरीफ ‘दोस्ती’ की जमीन

इस्लामाबाद। दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जन्मदिन पर बधाई देने नरेन्द्र मोदी खुद पहुंचे थे। अचानक हुई इस मुलाकात की तारीफ संयुक्त राष्ट्र ने भी की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मुलाकात को सफल बनाने में किसका हाथ रहा?
पाकिस्तान की मिलिट्री की मुस्तैदी के कारण मोदी लाहौर में नवाज के घर तक पहुंचे। डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद वापस सुरक्षित दिल्ली भी लौट आए। विरोधी बस हाथ मलते रह गए।
बीते 60 साल में यह पहला मौका था, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस तरह पाकिस्तान पहुंच गया हो। इससे पहले शुक्रवार को दोनों परमाण हथियार संपन्न देशों ने अपने विदेश सचिवों की अगले साल मध्य जनवरी में मुलाकात पर सहमति जताई है।
पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि बातचीत शुरू करने का श्रेय पाकिस्तान मिलिट्री को जाता है। हाल में रिटायर जनरल नसीर खान जंजुआ को पाकिस्तान का नेशनल सेक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) बनाया गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी सरताज अजीज के पास थी, जो नवाज के करीबी भी थे।
एनबीटी के मुताबिक एक टॉप डिप्लोमैट का कहना है कि दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की कवायद को अब टॉप लोगों का समर्थन मिल चुका है। खुद आर्मी चीफ भी इनमें शामिल है। आर्मी चीफ जनरल रहील शरीफ पाकिस्तान के नए एनएसए जनरल नसीर जंजुआ के करीबी हैं।
जंजुआ की तारीफ नवाज की कैबिनेट भी कर चुकी है। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के मुताबिक भी पाकिस्तान के साथ बातचीत में वहां की आर्मी से सपोर्ट मिल रहा है। इससे पहले आर्मी ने कभी ऐसा रोल नहीं निभाया है।
इस्लामाबाद के अधिकारियों के मुताबिक पिछले महीने आर्मी चीफ शरीफ के वाशिंग्टन दौरान में अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें बातचीत पर राजी करने के लिए काफी मेहनत की थी। बताया जाता है कि खुद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी इस कवायद में शामिल थे।