नाकारा Government की वजह से कचरा खाने को मजबूर हैं इस देश के लोग

कराकस : एक ज़माने में तेल कि वजह से अमीर वेनेज़ुएला की हालत आज बेहद ख़राब है। यह लैटिन अमेरिकी देश आज एक पेंचीदा, पोलिटिकल, सोशल और इकनोमिक मुसीबत में फ़सा हुआ है जिस का क्रेडिट वेनेज़ुएला की पिछली समाजवादी सरकारों (Government) को जाता है। जिन्होंने (Government) कभी तेल से समृद्ध इस देश को आज दिवालिया कर दिया है।
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नेता फिर भी मज़े में हैं लेकिन यहाँ के सिटिज़न्स को खाने के लाले पड़ें हैं
जिसका नतीजा यह हुआ है कि आज देश अपनी आर्थिक बर्बादी की छठी सालगिरह मना रहा है। हालत ख़राब हैं ,काम धंधे हैं नहीं बेतहाशा महंगाई की वजह से कचरे से खाना ढूंढना पड़ रहा है।वेनेजुएला में कचरा आज लोगों की इनकम का मुख्य स्रोत है। इन्ही में से एक हैं 16 साल की रोनिकेल ब्रिटो जिसका लगभग पूरा दिन राजधानी काराकस के एक मैदान से कचरा बीने में बीतता है ।
अब लोग फेकने के बजाये बेचने लगे हैं अपना कचरा
रोनिकेल ब्रिटो बताती हैं कि वह तब भी खुश थी लेकिन अब ज़िंदगी ज़्यादा मुश्किल हो गई है। पेन्डामिक से देश में कचरा भी ईद के चाँद जैसा हो गया है। ब्रिटो ने बताया कि आज असलियत यह है कि अब यहाँ कचरा भी धीरे-धीरे दवाओं और दूसरी रोज़मर्रा की ज़रूरतों की तरह गायब हो रहा है। जिस की वजह है कि इस फील्ड में बेरोज़गारी से कॉम्पिटीशन काफी बढ़ गया है। दूसरी वजह है कि लोगों ने अपने कचरे को फेंकने के बजाये खुद ही उसे बेचना शुरू कर दिया है। इस से तंग आकर अबतक लगभग पाँच मिलियन लोग बेहतर जीवन की उम्मीद में वेनेजुएला छोड़ चुके है।
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