गुरूनानक देव के 551 वें प्रकाश पर्व पर पीएम मोदी ने किया नमन, जगमगा उठा स्वर्ण मंदिर
गुरूनानक देव के 551 वें प्रकाश पर्व पर मोदी ने किया नमन, श्रद्घालु भजन और प्रार्थना में शामिल

दिल्ली: देश में आज गुरूनानक देव जी का 551 वें प्रकाश पर्व को धूम धाम से मनाया जा रहा है, यह पर्व सिक्खों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। दुनियाभर में श्रद्धालु भजन और प्रार्थना में शामिल हो रहें है। इस पर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर में रोशनी से जगमगा उठा है।
मोदी ने किया नमन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर किया नमन, मैं श्री गुरु नानक देव जी को उनके प्रकाशोत्सव पर नमन करता हूं। उनके विचार हमें समाज की सेवा करने और बेहतर ग्रह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते रहें।
I bow to Sri Guru Nanak Dev Ji on his Parkash Purab. May his thoughts keep motivating us to serve society and ensure a better planet.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2020
देव साहेब अच्छे सूफी कवि
देव साहेब एक अच्छे सूफी कवि भी थे। उनके भावुक और कोमल हृदय ने प्रकृति से एकात्म होकर जो अभिव्यक्ति की है, वह निराली है। उनकी भाषा “बहता नीर” थी जिसमें फारसी, मुल्तानी, पंजाबी, सिंधी, खड़ी बोली, और अरबी के शब्द समाए हुए थे।
नानक साहेब की कविता
नानक साहेब की एक कविता है जो मैं आपको सुनाती हूं, “अहंकार द्वारा ही मानवता का अंत होता है। अहंकार कभी नहीं करना चाहियें बल्कि दिल में सेवा भाव रख जीवन व्यतीत करना चाहियें”। दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए, बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सरता है। गुरूनानक देव जी का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में तलवंडी गाँव में कार्तिकी पूर्णिमा को हुआ था।
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