वाराणसी के ‘स्ट्रीट वेंडर’ से पीएम का वर्चुअल संवाद, पीएम ने पूछा मोमोज कैसे बनता है?

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने अपनी सरकार की सबसे ‘महत्वाकांक्षी’ योजनाओं में शामिल ‘पीएम स्ट्रीट वेंडर स्वनिधि’ के अन्तर्गत ‘उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों के साथ किया आभासी संवाद’ इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
रेहड़ी-पटरी वालों को दस हजार का कर्ज
‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ के तहत ‘रेहड़ी-पटरी वालों को दस हजार तक का कर्ज’ दिया जा रहा है। इसी दौरान प्रधानमंत्री ने आगरा की प्रीति से बात की। प्रीति ने कहा कि लॉकडाउन के समय उन्हें काफी तकलीफ हुई। नगर निगम की तरफ से हमें मदद मिली और फिर से हमने अपने काम को शुरू किया। पीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अधिकारी आपसे मिलकर समस्याओं को दूर करेंगे।
पीएम मोदी ने पूछा मोमोज कैसे बनाता हैं?
वाराणसी के लाभार्थी अरविंद से संवाद के दौरान ‘पीएम मोदी ने पूछा कि मोमोज कैसे बनाते हैं’। उन्होंने पूछा कि आपको कैसे मदद मिली। लाभार्थी अरविंद ने बताया कि केवल आधार कार्ड से मुझे लोन मिल गया और फिर मेरा काम शुरू हो गया। ‘पीएम ने कहा कि जब मैं बनारस आता हूं तो कोई मुझे मोमोज नहीं खिलाता है’।
पीएम मोदी का संबोधन
कोरोना की तकलीफों का आपने जिस तरह से सामना किया है, जिस सावधानी से आप अब बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं, उसके लिए मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।
आपकी इस सजगता से देश जल्द ही इस महामारी को पूरी तरह से हराएगा।
आज गरीब बैंक से जुड़ा है, अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जुड़ा है। इतनी बड़ी वैश्विक आपदा जिसके आगे दुनिया के बड़े-बड़े देशों को घुटने टेकने पड़े हैं, उस संकट से लड़ने लड़कर जीतने में हमारे देश का सामान्य मानवी बहुत आगे है।
बैंकों के जो दरवाजे आज आपके लिए खुले हैं, बैंक आज जिस तरह आपके पास खुद चलकर आ रहे हैं, ये ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीतियों का परिणाम है। “ये उनको भी जवाब है जो कहते थे कि गरीबों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने से कुछ नहीं होगा”।
पीएम स्वनिधि योजना में ऋण आसानी से उपलब्ध है और समय से अदायगी करने पर ब्याज में 7 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी। अगर आप डिजिटल लेनेदेन करते तो एक महीने में 100 रुपये तक कैशबैक के तौर पर वापस पैसे आपके खाते में जमा होंगे।
गरीब के नाम पर राजनीति करने वालों ने देश में ऐसा माहौल बना दिया था। “कि गरीब को लोन दे दिया तो वो पैसा लौटाएगा ही नहीं। लेकिन मैं फिर कहता हूं कि हमारे देश का गरीब आत्मसम्मान और ईमानदारी से कभी भी समझौता नहीं करता है”।
इस योजना में शुरुआत से ये ध्यान रखा गया है कि रेहड़ी-पटरी वालों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसलिए इस योजना में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित किया गया।
कोई कागज नहीं, गारंटर नहीं, दलाल नहीं और किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं।
यूपी की अर्थव्यवस्था में स्ट्रीट वेंडर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। यूपी से जो पलायन होता था। उसे कम करने में भी रेहड़ी-पटरी के व्यवसाय की बहुत बड़ी भूमिका है।
इसलिए ‘पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पहुंचाने में भी यूपी आज पूरे देश में नंबर वन है’।
आज हमारे रेहड़ी-पटरी वाले साथी फिर से अपना काम शुरु कर पा रहे है। आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे है। 1 जून को पीएम स्वनिधि योजना को शुरु किया गया था। 2 जुलाई को ऑनलाइन पॉर्टल पर इसके लिए आवेदन शुरु हो गए थे। योजनाओं पर इतनी गति देश पहली बार देख रहा है।
मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ से गरीब कल्याण योजना शुरू की।
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