राष्ट्रपति कोविंद ने दिवालिया कानून संशोधन अध्यादेश को दी मंजूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को उस दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जिसमें घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार (फाइनेंशियल क्रेडिटर) माना जाएगा। घर खरीदारों को वित्तीय लेनदार का दर्जा मिलने से वे बैंक और अन्य संस्थागत लेनदार के समकक्ष हो जाएंगे और दिवालिया रियल एस्टेट कंपनियों की परिसंपत्तियों की बिक्री से मिलने वाले धन में उनका भी हिस्सा होगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, राष्ट्रपति ने आज (बुधवार को) दिवालिया और दिवालियापन संहिता, 2018 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी।
सरकार ने कहा कि इस अध्यादेश से घर खरीदारों को लेनदारों की समिति में प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे निर्णय लेने की प्रक्रिया के अभिन्न अंग हो जाएंगे।
गौरतलब है कि अब तक सिर्फ कर्ज देने वाले बैंकों को ही बिल्डर की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता था। ऐसे में खरीदार खुद को लुटा हुआ महसूस करता था। लेकिन अब सैद्धांतिक रूप से खरीदारों का स्तर कानून की नजर में बैंक के समकक्ष हो गया है। सरकार ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में बदलाव उन असहाय लोगों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिनके पैसे आधे-अधूरे बने प्रॉजेक्ट्स में अटके पड़े हैं। ऐसे ही लोगों की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने बैंक्रप्सी कोड में बदलाव के लिए 14 सदस्यीय इन्सॉल्वेंसी लॉ कमेटी का गठन किया था।