कृषि कानून के खिलाफ पंजाब के मुख्यमंत्री का दिल्ली के राजघाट पर धरना

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में बिल पास किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने अन्य विधायकों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने की अपील की थी परन्तु राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनसे मिलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
बुधवार को पंजाब सरकार अन्य विधायकों के साथ दिल्ली के राजघाट पर कृषि कानून के खिलाफ धरना देगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पूरी पंजाब सरकार दिल्ली राजघाट पर धरने पर बैठेगी।
राष्ट्रपति का नहीं मिलना असंवैधानिक
इस वक्त दिल्ली में धारा 144 लगा हुआ है। ऐसे में सारे मंत्री और विधायक पहले दिल्ली राजभवन में इकठ्ठा होंगे उसके बाद वहां से सब राजघाट जाएंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने की अपील को ठुकराये जाने को असंवैधानिक बताया है। उन्होने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का इस तरह उनसे ना मिलना गलत है। उन्होनें पंजाब की अन्य पार्टियों से भी अनुरोध किया है कि वो लोग इस धरने में उनका समर्थन करें और उन्हें भी इसमें शामिल होना चाहिए।
पंजाब में सामानों की सप्लाई पर तंज
अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए जरूरी सामान जैसे खाद, यूरिया आदि चीजों की पंजाब में कमी पड़ रही है। सरकार ने पंजाब में कोयले की सप्लाई बंद कर दी है जिससे सारे थर्मल प्लांट जल्द ही बन्द हो जाएंगे। उन्होने कहा कि पंजाब में हालात चिंताजनक है। ऐसा लग रहा जैसे मोदी सरकार पंजाब से कोई बदला ले रही है।
गौरतलब है कि केंद्र में मौजूद सरकार ने पंजाब में रेल व्यवस्था को अभी बहाल नही किया है। इससे वहां के इंडस्ट्री के कामों में काफी परेशानी आ रही है और बहुत नुकसान भी हो रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के साथ किया जा रहा व्यवहार संघीय लोक ढ़ांचे के अनुरूप नही है।
कृषि कानून के खिलाफ बिल पारित
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने हाल ही में कृषि से जुड़े तीन कृषि कानून को संसद से पारित किया है जिसका विरोध विपक्ष में बैठी पार्टी और कई राज्य के सरकार औऱ मंत्री कर रहे हैं। इस बिल के खिलाफ कई राज्य सरकारों जैसे पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान ने विधानसभा में बिल पारित किया है और कई राज्य बिल पारित करने की कोशिश में हैं।
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