भारत में भी चीन से आने वाले यात्रियों पर लगाया प्रतिबन्ध : कोरोना वायरस

नई दिल्ली:नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कोरोनावायरस फैलने के कारण चीन जाने वाले या चीन से आने वाले विदेशियों पर रोक लगा दी है अतः इनको भारत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। डीजीसीए के जारी आदेश के अनुसार जो 15 जनवरी 2020 को या उसके बाद चीन गए हैं उन लोगों को भारत में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
डीजीसीए के आदेश में कहा गया है कि विदेशी जो 15 जनवरी, 2020 को या उसके बाद चीन गए हैं उन्हें भारत-नेपाल, भारत-भूटान, भारत-बांग्लादेश और भारत-म्यांमार सहित किसी भी हवाई, भूमि या बंदरगाह से भारत की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
https://puridunia.com/kejriwal-government-already-increases-bjp-voting-in-exit-poll/439911/
Directorate General of Civil Aviation: Foreigners who have been to #China on or after Jan 15, 2020, are not allowed to enter India from any air, land or seaport including Indo-Nepal, Indo-Bhutan, Indo-Bangladesh or Indo-Myanmar land borders. #coronavirus pic.twitter.com/oJewcAyzvI
— ANI (@ANI) February 9, 2020
बिहार से एक महीने पहले चीन से लौटे छात्र टार्जन कुमार को कोरोनावायरस का संदिग्ध मरीज के तौर पर गया के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। उसके खून और गला का सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है।
कोरोना वायरस से चीन में मरने वालों को संख्या 811 हो गई है और इसके साथ ही इसके संक्रमण के कुल 37000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
17 साल पहले सार्स नाम के एक वायरस के कारण 774 लोगों की मौत हो गई थी। सार्स वायरस 2003 में फैला था और दो दर्जन से अधिक देशों में इसके मरीज पाए गए थे। लेकिन कोरोना वायरस ने ये आंकड़ा भी पार कर लिया है।
चीन की गलती के कारण फैला कोरोना वायरस
जानकारों का मानना है कि कोरोना वायरस चीन की गलती के कारण फैला है। चीन के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने कार्यकाल में नौकरशाहों और टेक्नोक्रेट्स से ज्यादा पार्टी काडर को तवज्जो दी है। इसके चलते पार्टी काडर नौकरशाही पर हावी हो गया है। नौकरशाह ऐसा कोई भी निर्णय लेने से कतराते हैं, जिससे सरकार की आलोचना हो।