फोन पर भाई को बोला सब कुछ ख़त्म कर रहा हूँ, फिर कमरे का मंजर देखकर निकली घरवालों की चीखें…

नई दिल्ली: यूपी के बिलासपुर थाना क्षेत्र के सुभाषनगर में गुरुवार को हुई दिल दहला देने वाली घटना से हर कोई हैरान है। ज्वेलरी की दुकान चलाने वाले एक शख्स ने पहले पत्नी और बेटे को मारा, फिर खुद अपनी जिंदगी खत्म कर ली। कमरे का हृदयविदारक दृश्य देखकर परिजनों के मुंह से चीख निकल गई। मौके पर मोहल्ले वालों की भीड़ जुट गई। बृहस्पतिवार दोपहर घर में प्रदीप (28), उसकी पत्नी प्रीति (25) और तीन महीने का मासूम बेटा सचिन था। उसने अपने भाई को फोन कर सब कुछ खत्म करने की बात कही।

यह सुनकर जब राजीव, संजीव और अन्य परिजन घर पहुंचे तो कमरे में प्रदीप, प्रीति और सचिन मृत पड़े थे। तीनों के सिर में गोली लगी थी और पास ही पिस्टल भी पड़ी थी। कमरे के फर्श और दीवारों पर खून ही खून था। घरवाले कमरे में गए तो वहां ऐसा मंजर देखकर उनके होश उड़ गए। युवक ने ये सब कर्ज के बोझ लते दबने के कारण किया। बड़े भाई प्रदीप ने फोन पर सब कुछ खत्म करने की सूचना दी तो छोटा भाई संजीव उर्फ शुभम दौड़कर घर पहुंचा तो मुख्य गेट अंदर से बंद था।
वह किसी तरह गेट खोलकर अंदर गया तो भाई, भाभी और भतीजा लहूलुहान पड़े थे। भतीजे सचिन की सांस चल रही थी। सीओ ब्रह्मपाल ने बताया कि भाई ने सांस चलने पर सचिन को अस्पताल ले जाने की कोशिश की थी लेकिन बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।सुभाषनगर की सिंह कॉलोनी में हुई दिल दहला देने वाली घटना से मोहल्लेवासी अनजान रहे। गोली चलने की आवाज किसी ने नहीं सुनी थी।
जब परिजन घर पहुंचे और शवों को देखकर बिलखने लगे, तब जाकर मोहल्ले के लोगों को घटना की जानकारी हुई। बताया जा रहा है कि प्रदीप ने जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया था, उसमें साइलेंसर लगा था। इसके चलते किसी को गोली की आवाज नहीं सुनाई दी। सीओ ब्रह्मपाल ने बताया कि पिस्टल और मैगजीन को कब्जे में लिया गया है। पिस्टल के संबंध में कोई कागजात नहीं मिल पाए हैं। पिस्टल प्रदीप के पास कहां से आई, इसकी भी जांच होगी। पुलिस ने पिस्टल कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मृतक के भाई राजीव ने पुलिस को बताया कि प्रदीप बीते कुछ समय से तनाव में चल रहा था। परिजन उसे लगातार समझाने की कोशिश कर रहे थे। सुबह भी परिजनों ने उसे काफी समझाया था लेकिन वह तनाव के चलते इतना बड़ा कदम उठा लेगा, इसका किसी को एहसास नहीं था।