शत्रुघ्न सिन्हा ने दिए संकेत, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ सकते हैं बीजेपी

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा आए दिन बगावती तेवर दिखाते रहते हैं। वह अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करते हैं। मोदी सरकार के खिलाफ बोलने पर भी सिन्हा हिचकिचाते नहीं हैं। उन्हें हमेशा शिकायत रहती है कि पार्टी ने उनके साथ सौतेला व्यावहार किया है। वहीं, अब शत्रुघ्न सिन्हा ने संकेत दिया कि वो अगला लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं।
Mamata Banerjee met Arun Shourie, Shatrughan Sinha and Yashwant Sinha in #Delhi; TMC MP Derek O'Brien also present. pic.twitter.com/4bo1L1Qys1
— ANI (@ANI) March 28, 2018
सिन्हा किसी दूसरी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं
खबरों के मुताबिक, बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा किसी दूसरी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वो पटना साहिब सीट से ही चुनाव लड़ेंगे जहां से वो इस समय सांसद हैं। सिन्हा ने कहा कि अगले चुनाव में अगर मुझे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर भी लड़ना पड़े तो मुझे फर्क नहीं पड़ता है। बता दें हाल ही में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी गैर बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर रही हैं और 2019 चुनाव की रणनीति बना रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने कल बीजेपी सांसद शत्रुघन सिन्हा से भी मुलाकात की, जिसके बाद ये अटकलें और तेज हुईं कि सिन्हा जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में भी इस तरह की अफवाह थी
सिन्हा ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में भी इस तरह की अफवाह थी कि मुझे बीजेपी से टिकट नहीं मिलेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके साथ पार्टी में खराब बर्ताव हुआ है तो उन्होंने हां में उत्तर दिया। उन्होंने कहा, मेरे पास दूसरी पार्टियों से प्रस्ताव हैं। मेरे लिए इस बात का कोई मतलब नहीं है कि मैं अपनी पार्टी, किसी और पार्टी या निर्दलीय तौर पर जनता की सेवा करूं।
आडवाणी को लेकर भी बोले सिन्हा
सिन्हा ने कहा कि पार्टी में बहुत से लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है। हमारे मित्र, दार्शनिक और गुरू लाल कृष्ण आडवाणी को देखिए। उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी 2 सीटों से बढ़कर 200 सीटों तक पहुंची। वह आज कहां हैं?बता दें कल सिन्हा के साथ भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा ने भी ममता बनर्जी से मुलाकात की। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट करने के प्रयास को लेकर ममता की प्रशंसा की।