पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है छत्तीसगढ़ का शिमला और उछलती जमीन
छत्तीसगढ़ के जिले अंबिकापुर से 75 किलोमीटर की दूरी पर विंध्य पर्वतमाला पर बसे मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य के जिले अंबिकापुर से 75 किलोमीटर की दूरी पर विंध्य पर्वतमाला पर बसे मैंनपाट (Manpat) को छत्तीसगढ़ का शिमला (Shimla) कहा जाता है। जो कि समुद्र तल से करीब साढ़े 3 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह नेचर प्रेमियों के लिए सौंदर्य का खजाना है। मैंनपाट की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है जिसके कारण पर्यटक अपने आप ही यहां खींचे चले आते हैं।
मैंनपाट जाने के लिए रास्ते
अंबिकापुर से मैंनपाट जाने के लिए 2 रास्ते हैं पहला रास्ता अंबिकापुर-सीतापुर रोड से होकर जाता और दूसरा ग्राम दरिमा होते हुए मैंनपाट तक जाता है। प्राकृतिक खजानों से भरपुर यह एक सुंदर स्थान है। मैंनपाट में सरभंजा जल प्रपात, टाईगर प्वांइट और मछली प्वांइट जैसे मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। जहां पर पर्यटक जाकर नेचर की खूबसूरती को निहार सकते हैं। मैंनपाट से ही रिहंद और मांड नदी का उदगम हुआ है। मैंनपाट में ही मेहता प्वांइट (Mehta Point) भी एक दर्शनीय स्थल है।
छत्तीसगढ़ का तिब्बत
मैंनपाट को छत्तीसगढ़ का तिब्बत (Tibet) भी कहा जाता हैं। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। तिब्बती यहां पर ऊनी कपड़े भी बनाते हैं। इसी जगह पर एक सैनिक स्कूल भी है। यह जगह कालीन और पामेरियन कुत्तों (Pamerian Dogs) के लिए भी प्रसिद्ध है।
ऊपर की ओर बहता है पानी
अंबिकापुर से मैनपाट जाने वाली सड़क के दाईं ओर बिसार पाणी (5 KM पहले मैनपाट) नामक एक गाँव में एक जगह है जहां पानी ऊपर की ओर बहता है। ग्रामीणों ने पानी भरने के लिए एक नहर बनाई है और पानी का प्रवाह अपने आप 30 फीट ऊपर की ओर है। जिसकी कोई उपकरण और कोई वैज्ञानिक व्याख्या नहीं मिल सकी है।
उछलती भूमि
हिल स्टेशन में टाइगर पॉइंट वॉटरफॉल, फिश पॉइंट वाटरफॉल, घाघी वॉटरफॉल, जलजली (उछलती भूमि), परपटिया व्यू पॉइट और बुद्ध मंदिर हैं। उछलती भूमि पर खड़े होने पर हम अपने आप ही उछल जाते हैं। आप छत्तीसगढ़ जब भी आए तो इस जगह पर एक बार अवश्य जाएं।
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