परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे की इलाज के दौरान मौत
परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि अली हसन की स्थिति को देखते हुए पहले उनको ऑक्सीजन पर रखा गया था लेकिन फिर उनकी हालत को स्थिर बताते हुए ऑक्सीजन हटा लिया गया जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के खतरनाक पैटर्न टैंक तबाह करने वाले भारतीय सैनिक और परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के 61 साल के बेटे अली हसन की शुक्रवार को कानपुर के एक अस्पताल में इलाज में लापरवाही के कारण मौत हो गई। उनकी मौत के बाद परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि अली हसन की स्थिति को देखते हुए पहले उनको ऑक्सीजन पर रखा गया था लेकिन फिर उनकी हालत को स्थिर बताते हुए ऑक्सीजन हटा लिया गया जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।
अली हसन के परिवार वालों ने बताया कि जब हसन के बिगड़ते हालात के बारे में उन्होंने अस्पताल कर्मचारियों से ऑक्सीजन की सुविधा के लिए संपर्क किया तो उनकी किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई और अली हसन की हालत बिगड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गई, अली हसन के परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि लाला लाजपत राय अस्पताल के अधिकारियों ने अली हसन की कोरोना जांच भी नहीं कराई थी, जिससे पता चल सकता कि वह कोरोना संक्रमित थे या नहीं। वही हसन के बेटे सलीम ने यह दावा किया है कि उनके पिता की मौत अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई है।
अली हसन परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के पुत्र हैं
हसन की बेटे सलीम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पिता पिछले कई दिनों से बीमार थे उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अस्पताल में भर्ती के बाद अली हसन को ऑक्सीजन पर रखा गया लेकिन महज 4 घंटे के बाद उनके स्वास्थ्य को स्थिर बताते हुए ऑक्सीजन की सुविधा हटा ली गई थी। और जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ा तो अस्पताल के डॉक्टरों को यह भी बताया गया कि अली हसन परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के पुत्र हैं लेकिन उसके बाद भी कोई तवज्जो नहीं दी गई और उनकी मौत हो गई।
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