स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) के प्रेरक विचार, जिसे हर किसी को जरूर पढ़ना चाहिए
स्वामी जी का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था| स्वामी जी एक कायस्थ जाति में जन्मे थे। स्वामी विवेकानंद को पढ़ाई और आध्यात्मिकता में काफी रूची रहती थी। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वे अपने गुरु की कही हुई बातों को मान कर ही काम किया करते थे।

लखनऊ: आज यानी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) पुण्यतिथि पर हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के विचार काफी प्रेरणाश्रोत करते हैं। हर कोई इनके विचार अपनी जीवन में लागू करना चाहता है।
स्वामी जी का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था| स्वामी जी एक कायस्थ जाति में जन्मे थे। स्वामी विवेकानंद को पढ़ाई और आध्यात्मिकता में काफी रूची रहती थी। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वे अपने गुरु की कही हुई बातों को मान कर ही काम किया करते थे।
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उनके गुरु रामकृष्ण जी की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया और ब्रिटिश भारत स्थितियों को जाना और उसके बाद धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, अमेरिका के लिए निकल पड़े।
आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर हम आपको बता रहें उनके कुछ प्रेरक विचार जिनको पढ़ने के बाद आप भी मोटिवेट हो जाएंगे।
- उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
- पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
- ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
- उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
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