तमिलनाडु में महिला के साथ जाति के आधार पर भेदभाव, बैठक के दौरान बैठाया गया जमीन पर


चेन्नई: आज हम इक्कीसवीं सदी में है और हमारे रहन-सहन से लेकर हर चीज़ में बदलाव हुआ है. पर क्या हमारी सोच में कोई ख़ास बदलाव हुआ है, शायद नहीं. आज भी हमारे समाज में जात-पात के आधार पर भेदभाव किया जाता है. इसका जीता-जागता उदाहरण है तमिलनाडु के थेरकु थित्ती गांव की पंचायत की अध्यक्ष.
इस महिला को तमिलनाडु के कुड्डालोर में चल रहे एक बैठक के दौरान सिर्फ इसलिए जमीन पर बैठना पड़ा, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से है. दरअसल जिस महिला को बैठक के दौरान नीचे बैठने के लिए कहा गया वो आदि द्रविड़ समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. जो की अनुसूचित जाती है.
महिला ने बताया पूरा सच
एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में महिला ने बताया की जिस बैठक की मुझे अध्यक्षता करनी थी, उस बैठक में मुझे सिर्फ इसलिए अगुआई नहीं करने दिया गया, क्योंकि मै अनुसूचित जाती से हु. महिला ने बताया की उपाध्यक्ष ने मुझे बैठक की अगुआई नहीं करने दी. मुझे झंडा फहराने से भी रोक दिया गया. जबकि मई तमाम उच्च जातियों के साथ लगातार सहयोग करती आई हू.
पंचायत सचिव को किया गया निलंबित
इस मामले के बारे में जब जिला कलेक्टर चंद्र शेखर सखमुरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया की हम मामले की पूरी जांच कर रहे है. पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है. जल्द ही अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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