ठगने का दावा फिर भी सबकी पहली पसंद

कानपुर। ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं’। यह वह स्लोगन है जिसे पढ़ाकर शहर की एक दुकान से लड्डू बेंचे जाते हैं। ग्राहक ठगने की बात को लड्डुओं की गुणवत्ता के सामने नजरंदाज कर जमकर खरीदते हैं और इनका आनन्द लूटते हैं। जो एक अजूबा नहीं तो किसी कौतूहल से भी कम नहीं है।
वर्ष 1968 में स्वर्गीय राम औतार पाण्डेय ने शहर के बड़ा चौराहा में ठग्गू के लड्डू के नाम से दुकान खोली थी। जो आज शहर का मिठाई में नामी ब्रांड बन चुका है। दो क़्वालिटी में बिकने वाला लड्डू हर किसी की पहली पसन्द बन चुका है। कुछ साल पहले फालूदा कुल्फी भी बेंचनी शुरू की। जो अब लड्डुओं की तरह अपनी खास जगह बना चुकी है। वहीं इन ब्रांडों के लिए बने स्लोगन लोगों का ध्यान तो खींचते ही हैं और कौतुहल भी पैदा करते हैं।
स्टेट्स सिम्बल बना
शहर में ठग्गू के लड्डू अब स्टेट्स सिम्बल बन चुका है। किसी कार्यक्रम में यदि मिठाइयों में यह लड्डू रखा हुआ है तो दूसरी मिठाइयों की भी कमियां लोग नजरंदाज कर देते हैं। वैवाहिक कार्यक्रम या अन्य शुभ कामों में यह लड्डू हुआ तो फिर कार्यक्रम का भी स्तर ठीक माना जाने लगता है।
अब शहर में कई ब्रांच
कभी एक छोटी दुकान से शुरू हुई लड्डू की बिक्री इस कदर आज होती है कि शहर में इसकी पांच ब्रांच और खुल गई हैं। शहर के काकादेव, स्वरूप नगर, एक्सप्रेस रोड, गोविंदनगर व रैना मार्किट में ठग्गू के लड्डू बिक रहे हैं।
फ़िल्म स्टार भी आकर उठा चुके हैं आनन्द
आम शहरी ही नहीं कई फ़िल्म स्टार इस छोटी सी दुकान में फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं। साथ ही लड्डुओं का मजा ले चुके हैं। फ़िल्म बंटी बबली की शूटिंग यहां हुई थी। जिसमें अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी ने लड्डू खाकर तारीफ की थी। दुकान के मालिक प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि फिल्मों में खलनायक रह चुके प्रेम चोपड़ा भी लड्डू खा चुके हैं। वहीं टीवी सीरियल लापतागंज की शूटिंग भी हो चुकी है।
कुल्फी का भी स्लोगन भी कम नहीं
‘मुंह में रखते ही जुबां और जेब की गर्मी गायब’ व ‘मेहमान को चखाना नहीं, टिक जायेगा’। यह स्लोगन फालूदा कुल्फी के हैं। जिन्हें पढ़कर सामने की सड़क से भी निकलने वाला मुस्कराए बगैर नहीं रह पाता।