दलाई लामा ने लगवाई Vaccine, बोले- इंजेक्शन लगवाने की हिम्मत करनी चाहिए
हिमाचल प्रदेश में दलाई लामा (Dalai Lama) ने धर्मशाला के जोनल अस्पताल में कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में दलाई लामा (Dalai Lama) ने धर्मशाला के जोनल अस्पताल में कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। उन्होने कहा कि गंभीर समस्याओं को होने से रोकने में ये इंजेक्शन (Vaccine) बहुत मददगार है, दूसरे मरीजों को भी ये इंजेक्शन लगवाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को ये इंजेक्शन लगवाने की हिम्मत करनी चाहिए।
थुबटेन ग्यात्सो’ के अवतार
चौदहवें दलाई लामा ‘तेनजिन ग्यात्सो’ तिब्बत (Tibet) के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में ओमान परिवार में हुआ था। दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा ‘थुबटेन ग्यात्सो’ के अवतार के रूप में की गई।
हिमाचल प्रदेश: दलाई लामा ने धर्मशाला के ज़ोनल अस्पताल में कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाई। #CovidVaccine pic.twitter.com/QuL0IHa23H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2021
दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं। बोधिसत्व ऐसे ज्ञानी लोग होते हैं जिन्होंने अपने निर्वाण को टाल दिया हो और मानवता की रक्षा के लिए पुनर्जन्म लेने का निर्णय लिया हो। उन्हें सम्मान से परमपावन भी कहा जाता है।
यह भी पढ़े: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! प्लेटफॉर्म टिकट हो गया महंगा, अब देनें होंगे इतने रुपये
तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन
वर्ष 1949 में तिब्बत पर चीन के हमले के बाद परमपावन दलाई लामा से कहा गया कि वह पूर्ण राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में ले लें। 1954 में वह माओ जेडांग, डेंग जियोपिंग जैसे कई चीनी नेताओं से बातचीत करने के लिए बीजिंग भी गए। लेकिन आखिरकार वर्ष 1959 में ल्हासा में चीनी सेनाओं द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन को बेरहमी से कुचले जाने के बाद वह निर्वासन में जाने को मजबूर हो गए।
गंभीर समस्याओं को होने से रोकने में ये इंजेक्शन(वैक्सीन) बहुत मददगार है, दूसरे मरीज़ों को भी ये इंजेक्शन लगवाना चाहिए। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को ये इंजेक्शन लगवाने की हिम्मत करनी चाहिए: दलाई लामा #COVID19 https://t.co/T8bChJBL14 pic.twitter.com/0iQVdRCPou
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2021
इसके बाद से ही वह उत्तर भारत के शहर धर्मशाला में रह रहे हैं जो केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय है। तिब्बत पर चीन के हमले के बाद परमपावन दलाई लामा ने संयुक्त राष्ट्र से तिब्बत मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस संबंध में 1959, 1961 और 1965 में तीन प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं।
यह भी पढ़े: किसान आंदोलन के 100 दिन हुए पूरे, जानिए आज क्या करने वाले हैं अन्नदाता ?