सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रिहा ही रहेगा निर्भया का नाबालिग दोषी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली गैंगरेप के सजायाफ्ता नाबालिग की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली महिला आयोग की याचिका को खारिज कर दिया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नाबालिग की सजा और बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की थी।
छलक उठा मां का दर्द
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने फैसले पर रोते हुए कहा कि उन्हें पता था कि ऐसा ही होगा। भारत में कभी कानून नहीं बदलेगा और महिलाओं को कभी इंसाफ नहीं मिलेगा। कानून में बदलाव के लिए लड़ती रहूंगी। उन्होंने कहा कि इस घटना से सबक न लेना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। पता नहीं अब किस घटना का इंतजार हो रहा है जब ऐसा कानून बनेगा।
सजा बढाने के लिए हुआ प्रदर्शन
नाबालिग दोषी की रिहाई के बाद उसके माता-पिता समेत सैकड़ों लोग दो दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने निर्भया के माता-पिता और प्रदर्शनकारियों को जबरन इंडिया गेट से हटाया। इस दौरान इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रही निर्भया की मां को हल्की चोट भी लग गई।
स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा को कोसा
इस फैसले के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि मामले की आधा घंटा चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आपकी चिंता से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन कानून इतना कमजोर है कि हम आपकी मदद नहीं कर सकते। यह देश के लिए काला दिन है। राज्यसभा ने पूरे देश को धोखा दिया, क्योंकि उनकी वजह से यह कानून लंबित पड़ा है। मैं जरूर कहना चाहूंगा महिलाओं की सुरक्षा के लिए अब मोमबत्ती उठाना बहुत हुआ अब मशाल लेकर सड़कों पर उतरना होगा।
राज्यसभा में बिल पर आज होगी चर्चा
वहीं जुवेनाइल जस्टिस पर आज राज्यसभा में दोपहर 2 बजे से बहस भी होगी। बताया जा रहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद इस एक्ट को सरकार द्वारा राज्यसभा में जल्द से जल्द पास कराने की कोशिश होगी। इस बिल में नाबालिग की उम्र घटाने को लेकर बिल में संशोधन करने पर चर्चा होनी है। अभी इस एक्ट में नाबालिग की उम्र 18 साल है जिसे 16 साल करने की मांग हो रही है।