सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघिन एसटी 14 ने एक शावक को दिया जन्म
राजस्थान के विश्व विख्यात सरिस्का बाघ अभ्यारण में एक बार फिर खुशी की खबर सामने आई है। बाघिन एसटी 14 ने एक शावक को जन्म दिया है।

अलवर: राजस्थान के विश्व विख्यात सरिस्का बाघ अभ्यारण में एक बार फिर खुशी की खबर सामने आई है। बाघिन एसटी 14 ने एक शावक को जन्म दिया है। सरिस्का के वन संरक्षक आरएन मीणा ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट क्षेत्र में बाघिन एसटी 14 ने एक शावक को जन्म दिया है जिससे सरिस्का प्रशासन ने खुशी जाहिर की है।
एसटी 14 बाघिन के इस शावक की उम्र लगभग दो माह है। हाल ही में डाबली गांव के विस्थापन के बाद इस क्षेत्र में बाघ बाघिन की मैटिंग के लिए उपयुक्त प्रकृतिवास उपलब्ध होने के कारण ही नए सावक का जन्म होना संभव हुआ है।
उन्होंने बताया कि यह शावक कैमरा ट्रैप में दिखाई दिया। वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में छह नर बाघ,10 मादा बाघ एवं 4 शावक बाघ हैं। बाघ विहीन हो चुके सरिस्का को आबाद करने के लिए वर्ष 2008 में बाघ बाघिन की रणथंभौर से सरिस्का शिफ्टिंग शुरू की थी। सबसे पहले बाघ एसटी 1 को सरिस्का लाया गया था। इसके बाद बाघिन st-2 को लाया गया उसकी बहन एसटी 3 इसका शिफ्ट किया गया था।
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चार वर्ष तक सरिस्का में कोई बाघ पैदा नहीं हुए
बाघों की शिफ्टिंग के करीब चार वर्ष तक सरिस्का में कोई बाघ पैदा नहीं हुए। इससे वन्यजीव वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ गई इन्हीं चिंताओं के बीच वर्ष 2012 में बाघिन एसटी 2 ने सरिस्का में एक आशा की किरण जगाई। एसटी 2 से दो मादा शावकों को जन्म दिया। इनके नाम एस टी 7 और एसटी 8 रखे गए थे उसके बाद वर्ष 2014 में 2 और शावकों को जन्म दिया। जिनके नाम बाघ एसटी 13 एवं बाघिन एसटी 14 रखे गए। इसके बाद बाघिन एसटी-2 की बेटी एसटी 14 ने एक नर व एक मादा शावक को जन्म दिया। जिनके नाम एसटी 17 व एसटी 18 रखा गया।
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सरिस्का में जन्मे 19 शावकों में से 4 की मौत
उल्लेखनीय है कि सरिस्का में जन्मे 19 शावकों में से 4 की मौत हो चुकी है । इनमें से एक वयस्क बाघ एसटी 11 की शिकारियों ने फंदा लगाकर हत्या कर दी थी। तीन शावकों को जन्म के कुछ दिन बाद ही एक अन्य बाघ ने मार दिया था।