तीर्थराज प्रयाग भी है घाटों का शहर

इलाहाबाद। तीर्थराज प्रयाग की पहचान पूरे विश्व में संगम और कुम्भ की वजह से है। लेकिन बहुत कम ही लोगों को यह पता होगा की इसके अलावा भी शहर में तमाम ऐसे घाट हैं जिनका महत्व संगम के समान ही है।
प्रदेश में घाटों का शहर काशी को माना जाता है लेकिन बात कच्चे और पक्के घाटों की करें तो संगम नगरी में काशी नगरी से ज्यादा ही घाट मौजूद हैं। संगम घाट के अलावा ये घाट भी मौजूद हैं संगम नगरी में-
1-सरस्वती घाट- संगम के सबसे करीब स्थित है सरस्वती घाट जो कि अकबर महान के किला से सटा हुआ प्रतीत होता है। यहां सुबह से शाम तक पूजा करने वालों के अलावा जोड़े भी नौका विहार करने पहुंचते हैं।
यमुना के तट स्थित यह एक नवनिर्मित रमणीय स्थल हैं। तीन ओर से सीढियाँ यमुना के हरे जल तक उतर कर जाती हैं। और ऊपर एक पार्क हैं जो सदैव हरी घास से ढका रहता हैं। यहा पर बोटिंग करने की भी सुविधा हैं। यहाँ से नाव द्रारा संगम पहुंचने का भी मार्ग हैं।
2-अरैल यमुना घाट- यह इलाहाबाद का सबसे बड़ा घाट है और यह सबसे आधुनिक घाट हैं। यह एक भव्य स्थान हैं और टहलने का सबसे अच्छा स्थान हैं। यह एक दर्शनीय स्थल हैं। यहा पर बोटिंग करने की भी सुविधा हैं यहा पर स्नानार्थियों के लिए सिटिंग प्लाजा भी हैं।
3-अरैल घाट- यमुना घाट के पास ही स्थित है अरैल घाट है।
4-संगम घाट- यहां गंगा यमुना सरस्वती तीनों नदियां का संगम होता है इसलिए इसे संगम घाट कहा जाता है।
5-बलुआ घाट- शहर के दक्षिणी क्षोर पर स्थित है बलुआ घाट। इस घाट पर स्नान के लिए बिस्तर पर लोग पहुंचते हैं।
6:-बरगद घाट
7:- क्लब घाट
8:-रसूलाबाद घाट
9:-छतनाग घाट
10:-शंकर घाट
11:-मेघ घाट
12:-गऊ घाट
13:-किला घाट
14:-नेहरु घाट