सूदखोरों के चंगुल में फंसे एक और किसान ने दी जान

कौशाम्बी। पूरामुफ्ती थाने के कुसवां रेलवे क्रासिंग के पास सूदखोरों से आजिज आकर एक अधेड़ ने ट्रेन के सामने कूद कर अपनी जान दे दी। सूचना के तीन घंटे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मीरपुर गांव का मदन मोहन (55) पेशे से किसान है। मदन मोहन के पास बगल के गांव तेवारा के पास लगभग दो बीघा खेत है। उसी खेत में उसने कुछ साहूकारों से सूद पर कर्ज लेकर नलकूप लगाया था। लेकिन नलकूप खराब निकल जाने से वह साहूकारों का कर्ज वापस नहीं कर पाया। इस बीच सूदखोर उसे काफी परेशान करने लगे थे। इसी से तंग आकर उसने कुसवां रेलवे क्रासिंग के पास ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। सूचना पाकर परिजन रोते बिलखते घटनास्थल पर पहुंचे। घटना के बाद कानपुर की तरफ से आ रही मालगाड़ी को भी लगभग पौन घंटे क्रासिंग पर रूकना पड़ा। केबिन मैन, की मैन और मेठ ने मिलकर शव को रेलवे ट्रैक से बाहर निकाला तब जाकर मालगाड़ी अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकी।
सुसाइड नोट पर सूदखोरो के नाम
पुलिस को सूचना देने के बावजूद घटनास्थल पर पुलिस तीन घंटे के बाद पहुंची। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने उन छह सूदखोरों के नाम लिखे हैं जिन लोगों के कारण उसने मौत को गले लगाया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पूरामुफ्ती पुलिस उन सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करती है या अन्य घटनाओ की तरह इसे भी लीपापोती कर ठन्डे बस्ते के हवाले कर देगी।