बिहार मे ट्रिपल M- ‘मोदी, महिला और मुस्लिम’ फैक्टर बना NDA की जीत की वजह
नरेंद्र मोदी के दम पर ही एनडीए बिहार में फिर से अपनी सरकार बनाने के सपने को साकार कर पाया है। कहा जा रहा है कि एनडीए की जीत में तीन M-फैक्टर ने अहम भूमिका निभाई है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से NDA ने बहुमत के साथ विधानसभा में अपना कब्ज़ा जमाया है। बिहार में इस बार NDA गठबंधन ने फिर से चुनाव में बाजी मार ली है। कई एग्जिट पोलों के दावे को पीछे छोड़ते हुए NDA ने बिहार में बहुमत हासिल की।
राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता तेजस्वी यादव की अगुआई में जहां पर महागठबंधन कुछ नंबरों से पीछे रह गया तो वहीं एनडीए गठबंधन PM नरेंद्र मोदी के दम पर जनता के वोट पाने में सफल रहा। नरेंद्र मोदी के दम पर ही एनडीए बिहार में फिर से अपनी सरकार बनाने के सपने को साकार कर पाया है। कहा जा रहा है कि एनडीए की जीत में तीन M-फैक्टर ने अहम भूमिका निभाई है।
नरेन्द्र मोदी ने कम किया जीत का फासला
अगर हम सर्वे देखें तो नीतीश के प्रति बिहार की जनता में बहुता गुस्सा था। वहीं महागठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल कर रहा था। परन्तु नरेन्द्र मोदी के बिहार मे कई चुनाव प्रचार ने पूरे चुनाव का रूख मोड़ दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव प्रचार में कई जगहों पर नीतीश कुमार के साथ दिखे तो उन्होनें बिहार में नीतीश कुमार के काम की तारीफ भी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर विपक्ष पर हमला करते हुए, राष्ट्रीय जनता दल समयकाल के सरकार की खामियों को बताकर और बीजेपी द्वारा लागू की गई योजनाओं से होने वाले लाभ का जिक्र करके पूरे चुनाव प्रचार को संभाला। जिन सीटों पर नीतीश कुमार का कभी दबदबा रहता था इस बार उन सीटों पर बीजेपी ने बढ़त बनाकर एनडीए की सरकार के लिए जीत का फासला कम कर दिया।
महिलाओं ने निभाई अहम भूमिका
बिहार में यह माना जाता है कि महिला मतदाता नीतीश कुमार की मुख्य मतदाता हैं। यह कहा जाता है कि बिहार की महिलाएं शान्त तरह से नीतीश कुमार के पक्ष में ही वोट करती हैं।
इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई उज्जवला योजना, शौचालय का निर्माण, पक्का घर, मुफ्त राशन और आर्थिक मदद मिलने से महिलाओं का वोट एनडीए के पक्ष में गया। बिहार में शराबबंदी भी महिलाओं के वोट नीतीश के खाते में जाने का मुख्य कारण रहा है। बिहार की 50 फीसदी महिला वोटरों ने एनडीए की जीत में अहम भूमिका निभाई है।
मुस्लिमों का बटंता वोट NDA की जीत का मुख्य कारण
बिहार में कुल 17 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं जो किसी भी चुनाव पर अच्छा प्रभाव डाल सकते हैं। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी से उम्मीदवार उतरने के कारण कई मुस्लिम वोटर एआईएमआईएम की तरफ चले गए जो की मुख्यत राजद के स्थायी मतदाता माने जाते थे।
बसपा भी इस बार मुस्लिमों का वोट पाने में सफल रही। राजद को मिलने वाले M+Y वोट में से मुस्लिम वोट इस बार कई हिस्सों में बंटते नजर आए जिसका सीधा फायदा एनडीए को हुआ और एनडीए की जीत का मुख्य कारण भी रहा।
गौरतलब है कि इस बार बिहार विधानसभा में एनडीए ने 125 सीटों पर कब्जा किया है तो वहीं पर महागठबंधन ने 110 सीटों पर कब्जा किया। बाकी सीटों पर अन्य पार्टियों ने जीत दर्ज की।
ये भी पढ़ें : विश्व में लोगों के चेहरे पर आई मुस्कान, 65 फीसदी लोग कोरोना से मुक्त