कांग्रेस नहीं होने दे रही राज्य का विकास

देहरादून। कांग्रेस सरकार ने ग्राम पंचायतों के अधिकारों का हनन किया है। केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को पहले से चार-पांच गुना अधिक बजट दिया है। यह धनराशि पंचायतों के स्तर पर स्वयं ही विकास कार्यो पर खर्च की जानी है, मगर राज्य सरकार पंचायतों के इस हक पर डाका डालते हुए इस पैसे से मुख्यमंत्री की घोषणाएं पूरी करा रही है। यह आरोप पूर्व काबीना मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लगाया है।
पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए केंद्र से मिली इस धनराशि के उपयोग में हस्तक्षेप कर राज्य सरकार पंचायतों के अधिकार पर डाका डाल रही है। 14वें वित्त से मिली यह धनराशि सीधे ग्राम पंचायतों के खातों में आवंटित होना था, मगर राज्य की कांग्रेस सरकार ने करीब 450 करोड़ रुपये के इस बजट में से मात्र 100 करोड़ धनराशि ही पंचायतों को जारी की है।
ग्राम पंचायतों को राज्य सेक्टर का बजट उपलब्ध कराने की बजाय सरकार की गिद्ध दृष्टि अब 14वें वित्त की इस धनराशि पर भी टिक गई है। इसके लिए सरकार ने बीते अगस्त में बाकायदा शासनादेश भी जारी किया, जिसमें इस धनराशि से मुख्यमंत्री की घोषणा व राज्य सेक्टर की योजनाओं को भी 50 फीसद पैसा जारी करने के निर्देश ग्राम पंचायतों को दिए गए। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की तानाशाही का उदाहरण और लोकतंत्र की अवहेलना है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में उसके मंत्री भी अधिकार विहीन हो गए हैं। बजट आवंटन से लेकर योजनाओं के निर्धारण व संचालन में मंत्रियों की कोई भूमिका नहीं रह गई है। रावत ने स्वास्थ्य विभाग के घोटाले, सर्व शिक्षा में हुए घोटाले में भी राज्य सरकार पर लीपापोती का आरोप लगाया।