टीआरपी घोटाला: BARC ने अगले तीन महीनों तक टीआरपी पर कसी लगाम


नई दिल्ली: टीआरपी पर मचे भारी घमासान के बीच अब ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने टीआरपी मापने पर अगले तीन महीने तक रोक लगा दी है. (BARC) ने एक बयान जारी कर कहा की हम अपने सिस्टम की जांच कर रहे है. इसलिए लगभग अगले 12 हफ़्तों तक टीआरपी नहीं मापी जा सकती। संस्था का कहना है की हम अपने रेटिंग मापने की मौजूदा सिस्टम की समीक्षा कर इसे और मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे है, जिससे भविष्य में इससे छेड़छाड़ न किया जा सके.
ये है मामला
दरअसल फर्जी रेटिंग मामले में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों पर टीआरपी घोटाले का संगीन आरोप लगा है. रेटिंग से छेड़छाड़ करने और ऐड रेवेन्यू कमाने के लिए फर्जी नैरेटिव तैयार करने के आरोपों में इनके खिलाफ जांच हो रही है. दो टीवी चैनल मालिकों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
बीते दिनों मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह एक प्रेसवार्ता कर रिपब्लिक टीवी सहित कुछ मीडिया संस्थाओं पर टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही रिपब्लिक टीवी संदेह के घेरे में है. चैनल के प्रमोटर और डायरेक्टर के खिलाफ जांच चल रही है.
टीआरपी क्या है?
टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या टीवी चैनल दर्शक सबसे ज्यादा देख रहे है. लोग किसी चैनल, प्रोग्राम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे हैं ये भी आसानी से पता लगाया जा सकता है, इससे चैनल और प्रोग्राम की जनता के बीच पॉपुलैरिटी का पता चलता है. जिस चैनल की टीआरपी सबसे ज्यादा होगी, उससे ये तय हो जाता है की इस चैनल को सबसे ज्यादा लोग देख रहे है.
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