केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में आये शिवपाल यादव, राहुल ने भी किया ट्वीट

लखनऊ। संघ लोक सेवा आयोग के तहत आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा में मेरिट लिस्ट को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल इसे लेकर केंद्र सरकार ने कुछ सुझाव दिए थे। इसके बाद सपा के दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव ने केंद्र सरकार के इस कदम को अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के विरुद्ध बताया है। वहीँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे केंद्रीय सेवा में आरएसएस के पसंद वाले अधिकारियों की नियुक्ति की कोशिश करार दिया है।
मंगलवार को शिवपाल सिंह यादव इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के कैडर एवं सेवा आवंटन नियमों में संशेधन करने के केंद्र सरकार के फैसले की मैं दृढ़ता से निंदा करता हूं। यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा पहले से ही सर्वग्राही है। इसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार द्वारा विस्तृत पैमाने पर समग्र मूल्यांकन किया जाता है। वर्तमान प्रणाली अच्छी तरह से चल रही है और इसमें पक्षधरता की संभावना कम है। सरकार के इस फैसले से डर और दबाव में रह रहे एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक वर्ग के मन में पक्षपात होने की आशंका है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि पूर्व की व्यवस्था, जिसमें सर्व वर्गों का विश्वास है, उसे बनाए रखें।
इस ट्वीट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कूद पड़े। राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा कि छात्रों उठो और अपने हक़ के लिए खड़े हो। आपका भविष्य खतरे में है। आरएसएस आपका हक छीनना चाहता है। यूपीएससी को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री की योजना है कि केंद्रीय सेवा में आरएसएस के पसंद वाले अधिकारियों की नियुक्ति हो। इसके लिए एग्जाम रैंकिंग की बजाए व्यक्तिपरक मानदंड को आधार बनाकर मेरिट लिस्ट को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है। बता दें
आपको पता दें कि मौजूदा सिविल सर्विसेज परीक्षा में कुछ सुधर के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पात्र जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि कैडर एवं सेवा आवंटन की कुछ बदलाव किये जाए। जिसके बाद से बवाल शुरू हो गया है।