उपराष्ट्रपति का युवाओं से सशक्त, आत्मनिर्भर, समावेशी भारत बनाने का आग्रह

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गांवों और कस्बों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों के नए अवसर पैदा करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि विभिन्न आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर युवाओं को नई सोच के साथ नए समाधान विकसित करने चाहिए।
वेंकैया नायडू ने डा. शिवतानु पिल्लई की पुस्तक “40 ईयर्स विद अब्दुल कलाम – अनओल्ड स्टोरी ” का ऑनलाइन लोकार्पण करते हुए प्रवासी मजदूरों पर कोविड -19 के गंभीर प्रभावों की चर्चा की और कहा कि गांवों और छोटे कस्बों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों के अधिकाधिक नए अवसर पैदा किए जाने चाहिए। इसके लिए स्थानीय निकायों द्वारा विकेंद्रीकृत स्थानीय नियोजन, उनके प्रशिक्षण, बड़ी संख्या में कुटीर उद्योग लगाने की आवश्यकता होगी जिससे हर गांव और कस्बा प्रगति के केंद्र के रूप में विकसित हो सके।
महामारी के दौरान वैज्ञानिकों के नवाचार पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिस भारत के पास एक भी पीपीई किट का उत्पादन क्षमता नहीं थी। वह आज विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पीपीई किट निर्माता देश बन गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी उपलब्धियों को अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में भी दोहराने की जरूरत है तभी “आत्मनिर्भर भारत” का स्वप्न साकार होगा।
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