वॉट्सऐप को मिलेगी अशेष के एप से चुनौती

हरिद्वार। वॉट्सऐप को नई चुनौती मिली है। ये चुनौती दी है दस साल के एक बच्चे ने। इस बच्चे का दावा है उसने ऐसा एप तैयार किया है जो वॉट्सऐप से तेज चलता है।
स्मार्टफोन यूजर्स के लिये वॉट्सऐप में पूरी दुनिया समाई हुई है। फोटो, वीडियो, चैटिंग और न जाने क्या-क्या। जी हां तकनीक के इस आधुनिक दौर में रोज नये-नये आविष्कार हो रहे हैं जो यूजर्स के लिये काफी कारगर भी साबित हो रहे हैं। हरिद्वार के अशेष अरोड़ा ने भी यूजर्स के हित में एक ऐसा ही आविष्कार किया है। दस वर्षीय अशेष ने वॉट्सऐप से तेज चलने वाला एप बनाकर WhatsApp को चुनौती दे दी है। इस एप की स्पीड WhatsApp और अन्य एप्लीकेशन्स से कहीं ज्यादा तेज है।
वॉट्सऐप से तेज चलता है ड्राइक
हरिद्वार निवासी सोनिया अरोड़ा और संदीप अरोड़ा का दस वर्षीय बेटा अशेष डीपीएस में कक्षा 5वीं का छात्र है। तकनीक पसंद अशेष ने एक खास एप डेवलप किया है। इसका नाम उन्होंने ड्राइक रखा है। इस एप की सबसे बड़ी खूबी है इसकी सुपरफास्ट स्पीड। इसकी स्पीड की बदौलत आप कोई भी फोटो या वीडियो या अन्य सामग्री इंटरनेट से फौरन डाउनलोड कर सकते हैं या अपलोड कर सकते हैं। इसके लिये बहुत ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इस एप की दूसरी बड़ी खूबी ये है कि इससे आप अत्यंत गोपनीय बातों को सार्वजनिक होने से आसानी से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं इसमें मौजूद सीक्रेट चैट की सुविधा और एकाउंट हैक होने पर आईपी एड्रेस भी बहुत जल्द ही ट्रेस हो सकेगा। इस एप की खास बात यह भी है कि पर्सनल चैट को मिटाया जा सकता है, जबकि वॉट्सएप में मैसेज भेजने के बाद उसे दूसरे के अकाउंट से आप कभी भी मिटा नहीं सकते।
ड्राइक के फीचर्स भी हैं जोरदार
अशेष ने इसके फीचर्स और सुविधाओं के बारे में बताया कि इस सोशल एप में 200 नंबरों का ग्रुप बनाया जा सकता है। इसके साथ ही इस एप की मदद से अपनी शक्ल के स्टीकर भी कोई भी एक-दूसरे से शेयर कर सकता है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर में जाकर कोई भी यूजर आसानी से डाउनलोड कर सकता है। अशेष का दिमाग इतना तेज है कि वह अपने फोन से किसी की भी आइडी तक हैक कर सकता है। अशेष ने बताया कि उसने एक महीने के भीतर यह इनोवेशन किया है। और उसका लक्ष्य सोफ्टवेयर इंजीनियर बनना है।
मूक बधिर पिता की संतान है अशेष
परिजनों का कहना है कि पांचवीं के छात्र अशेष ने एप बनाने के लिए कोई कोर्स नहीं किया और न ही किसी से कुछ सीखा या ट्रेनिंग ली। उसने इस एप को गूगल प्ले स्टोर में डालने के लिए 25 डॉलर का भुगतान भी किया है। उसे टेलीग्राम की ओर से नेटवर्क उपलब्ध कराया गया है। यही नहीं दस साल की कम उम्र में यह कारनामा करने वाले अशेष के पिता मूक बधिर हैं।