Wikileaks भारत के सबूत बकवास

Wikileaks का हर खुलासा महत्वपूर्ण होत है। हाल ही में Wikileaks ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है कि अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की नजर में मुम्बई हमलों में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के महत्सावपूर्ण साक्ष्य मूर्खतापूर्ण और बकवास हैं। जबकि पठानकोट हमले के बाद भारतीय मीडिया और अधिकारी इसे मुम्बई हमले की तर्ज पर किया गया हमला करार देने में जुटे हैं।
यह दावा पाकिस्तान की वेबसाइट दन्यजडॉटकाम ने किया है। दन्यूज कहती है कि पठानकोट हमले को भारतीय मीडिया और सरकार के अधिकारी पाक सेना और आईएसआई की मिलीभगत से रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में रची गयी साजिश करार देने में जुटे हैं। जैसा कि अबतक मिले सबूतों से स्पष्ट भी हो रहा है। इस संदर्भ में यह भी कहा जा रहा है कि यह ठीक वैसा ही है जैसा कि मुम्बई हमला था वह हमला भी पाकिस्तान की सेना, उसकी खुफिया एजेंसी करआईएसआई और उग्रवादियों की मिलीभगत से ही अंजाम दिया गया था।
Wikileaks का दावा
बावजूद इन सारे सबूतों के एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि Wikileaks के अनुसार अमेरिका और ब्रिटिश प्राधिकारियों ने मुंबई हमले में भारत द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध तथाकथित साक्ष्यों को खारिज कर दिया है। Wikileaks ने यह बात तमाम गोपनीय पत्र व्यवहार के साक्ष्यों के आधार पर कही है। इससे अमेरिका और ब्रिटेन का आतंकवाद के मुकाबले में दोहरा रवैया और दोमुहापन उजागर होता है। भारत को दोनो ही देश धोखा दे रहे है। ऊपर से हां हां और अंदर से पाकिस्तान से हां हां।
सार्वजनिक रूप से वाशिंगटन और लंदन भारत को गलत करार देने में संकोच कर रहे हैं लेकिन Wikileaks के अनुसार दोनो ने ही पाक की प्रमुख खुफिया एजेंसी आईएसआई या पाक समर्थित संगठनों के नेताओं के इन हमलों में लिप्त होने के भारतीय दावों को खारिज कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसको देखते हुए देश के नेताओं को एक बार ठहरकर सोचने की जरूरत है कि दोस्त कौन।